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'{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |भाषा=मैथिली |रचनाकार=अज्ञात |संग्रह= बिय...' के साथ नया पन्ना बनाया
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{{KKLokRachna
|भाषा=मैथिली
|रचनाकार=अज्ञात
|संग्रह= बियाह सँ द्विरागमन धरिक गीत / मैथिली लोकगीत संग्रह
}}
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<poem>चलू सखि गौरी पूजन, जनक जी के बागमे
दस सखि आगू चलय, दस सखि पाछू चलय
बीचमे सिया सुकुमारी, जनक जी के बागमे
बाटेमे भेटि गेला फल्लां दुलरुआ
धय लेल अंगुरी के पोर, जनक जी के बागमे
जँ तोहें आहे सिया, वारि कुमारि
चलहु हमरहुँ संग, जनक जी के बागमे
</poem>
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