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10:25, 1 जुलाई 2014 {{KKGlobal}}
{{KKLokRachna
|भाषा=मैथिली
|रचनाकार=अज्ञात
|संग्रह= बियाह सँ द्विरागमन धरिक गीत / मैथिली लोकगीत संग्रह
}}
{{KKCatMaithiliRachna}}
<poem>मुदित लेलनि दहि चीनी
करू मधुपर्क ललन जी
भेटल फरके एकर गिन्नी
करू मधुपर्क ललन जी
फेरो ने आओत ई दिन कहियो
सासुर मे करू मधुपर्क
करू मधुपर्क ललन जी
माय अहाँक दूध कहियो ने पौरथि
मिथिला मे करू मधुपर्क
करू मधुपर्क ललन जी
सरहोजि सारि बीच मुसुकनि मनमा
जुनि करू लाज-विचार
करू मधुपर्क ललन जी
</poem>
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