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10:26, 1 जुलाई 2014 {{KKGlobal}}
{{KKLokRachna
|भाषा=मैथिली
|रचनाकार=अज्ञात
|संग्रह= बियाह सँ द्विरागमन धरिक गीत / मैथिली लोकगीत संग्रह
}}
{{KKCatMaithiliRachna}}
<poem>करय चलल हर मौहक हे मानस घर हे
खीर खांड ते भाबनि करथि हर मौहक हे
भस्म पोटरिया हरि खोलल अंटकारि टोअल हे
भांग भिजाय भकोसथि करथि हार मौहक हे
कोनटा लागल मनाइनि गीतगाइनि हे
देखल हरक बेबहार, करथि हर मौहक हे
</poem>