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12:48, 2 जुलाई 2014 {{KKGlobal}}
{{KKLokRachna
|भाषा=मैथिली
|रचनाकार=अज्ञात
|संग्रह= बियाह सँ द्विरागमन धरिक गीत / मैथिली लोकगीत संग्रह
}}
{{KKCatMaithiliRachna}}
<poem>धनि संग करि असनाने
निरखल हमे अनजाने
कदलिक दल तन लागे
छछलि सकल जल भागे
चिकुर फुजल अलि कारी
अंकम गहि रह सारी
टपटप मोति पथारा
अलक तिमिर बिच तारा
शशि मुख सागर छानल
पुनिमक शशि धय आनल
जलक थिकनि बड़ भागे
सगर रमनि तन लागे
कुमरक दह असनाने
सतत लिखल रहु ध्याने
वर केँ खयबा काल
</poem>
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