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14:24, 2 जुलाई 2014 {{KKGlobal}}
{{KKLokRachna
|भाषा=मैथिली
|रचनाकार=अज्ञात
|संग्रह= बियाह सँ द्विरागमन धरिक गीत / मैथिली लोकगीत संग्रह
}}
{{KKCatMaithiliRachna}}
<poem>आजु हमर बड़ भाग रे, उत्तम पाहुन आजु आयल रे
आसन देल झट झारि, निर्मल चरण पखारि रे
बिच समाद बाट रे, क्यो नहि सुनय पुकार रे
विद्यापति कवि मार रे, सुपुरुषक गुनक विधान रे
</poem>