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14:30, 2 जुलाई 2014 {{KKGlobal}}
{{KKLokRachna
|भाषा=मैथिली
|रचनाकार=अज्ञात
|संग्रह= बियाह सँ द्विरागमन धरिक गीत / मैथिली लोकगीत संग्रह
}}
{{KKCatMaithiliRachna}}
<poem>पर्वत सँ योग हाँकल, राजा जनक ऋषि
खसल अयोध्या मे जाय, जहाँ राम जनम लेल
क्यो नहि लेल अवतार, धनुष इहो तोड़त
क्यो नहि भेल वलवान, सिया लय जायत
रामचन्द्र लेल अवतार, धनुष इहो तोड़ल
लछुमन भेल वलवान, सिया लय जायत
तोड़ल धनुष दहोदिश फेकल, धनुष कएल तीनी खण्ड
मेदिनी घहराओल
भनहि विद्यापति गाओल, फल पाओल
धन सिया के भाग, राम वर पाओल
</poem>