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14:53, 2 जुलाई 2014 {{KKGlobal}}
{{KKLokRachna
|भाषा=मैथिली
|रचनाकार=अज्ञात
|संग्रह= बियाह सँ द्विरागमन धरिक गीत / मैथिली लोकगीत संग्रह
}}
{{KKCatMaithiliRachna}}
<poem>सोचितपुर सौं आयल पालकी
पालकी शोभय लाले लाल हे
पालकी के खुटरी धेने
ठाढ़ भेल बाबा सँ फल्लां बाबा
तिल एक डोली बिलमाउ हे
डोलि हम कोना बिलमायब यो बाबा
कनियां सुहबे के लगन अगुआयल हे
केशिया बन्हबइत हेती बटिया तकैत हेती
कखन आयत बरिआत हे
सब बरिअतिया के लाले लाल धोतिया
सभ के मुख पाकल पान हे
</poem>
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