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14:56, 2 जुलाई 2014 {{KKGlobal}}
{{KKLokRachna
|भाषा=मैथिली
|रचनाकार=अज्ञात
|संग्रह= बियाह सँ द्विरागमन धरिक गीत / मैथिली लोकगीत संग्रह
}}
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<poem>
दशरथ नन्दन चलला विवाह हे
शुभ बाजन बाजे
बिसरि लेल संग साथ हे
शुभ बाजन बाजे
सेहो सुनि सीता दाइ चढ़ली झरोखा हे
शुभ बाजन बाजे
मोटे धनुष पातर श्रीराम हे
शुभ बाजन बाजे
सेहो कोना धनुषा उठाइ हे
शुभ बाजन बाजे
तोड़ल धनुषा चहुदिस फेकल
मेदिनी उठल घहराइ हे
शुभ बाजन बाजे
भेल विवाह पड़ल सिंउथ सिनुर
सिया लेल अंगुरी धराइ हे
शुभ बाजन बाजे
</poem>
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