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15:14, 2 जुलाई 2014 {{KKGlobal}}
{{KKLokRachna
|भाषा=मैथिली
|रचनाकार=अज्ञात
|संग्रह= बियाह सँ द्विरागमन धरिक गीत / मैथिली लोकगीत संग्रह
}}
{{KKCatMaithiliRachna}}
<poem>अमुआं मजरि महु तूबल सजनी गे
सुन मोर सजनी, कुसुम लेल पतझार
अही बाटे औता महादेव सजनी गे
सुन मोर सजनी, बहि गेल चाननक धार
चानन छिलकि पाग पड़ल सजनी गे
सुन मोर सजनी जुगे-जुग जीवथु फल्लांक पुत्र
सुन मोर सजनी, जुगे जुग जीबथु महादेव
अही बाटे औती गौरीदाइ सजनी गे
सुन मोर सजनी, बहि गेल सिनूरक धार
सिनूर छिलकि सींथ पड़ल सजनी गे
सुन मोर सजनी, जुगे जुग बढ़नु अहिबात
अमुआं मजरि महु तूबल सजनी गे
सुन मोर सजनी, कुसुम लेल पतझार
</poem>