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15:16, 2 जुलाई 2014 {{KKGlobal}}
{{KKLokRachna
|भाषा=मैथिली
|रचनाकार=अज्ञात
|संग्रह= बियाह सँ द्विरागमन धरिक गीत / मैथिली लोकगीत संग्रह
}}
{{KKCatMaithiliRachna}}
<poem>आजु जनकपुर मंगल सखि सभ गाबथि हे
शुभ दिन पाबनि आजु हेतिन सिया दाइक हे
करतल धय पान जुगुति संओ मूनब
सीता दाइ केर नयना श्री राम हे
भालरि जकाँ सीता दाइ थर-थर कांपथि
टेमी देल हरखित श्री राम हे
श्रीखण्ड चाननक लेप कय देल
धन्य छथि विधिकरी सुजान हे
</poem>
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