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15:23, 2 जुलाई 2014 {{KKGlobal}}
{{KKLokRachna
|भाषा=मैथिली
|रचनाकार=अज्ञात
|संग्रह= बियाह सँ द्विरागमन धरिक गीत / मैथिली लोकगीत संग्रह
}}
{{KKCatMaithiliRachna}}
<poem>आजु आनन्द घर मोर, साजन हो
आजहु सुदिन दिन मोर
अगर चानन लय कोबर नीपब
कोबर लिखब चहुँओर, साजन हो
आजु सुदिन दिन मोर
लक्ष्मी अओती घर सुनू कौशल्या
केदुली रोपब चहुँओर, साजन हो
आजु आनन्द घर मोर
</poem>