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15:25, 2 जुलाई 2014 {{KKGlobal}}
{{KKLokRachna
|भाषा=मैथिली
|रचनाकार=अज्ञात
|संग्रह= बियाह सँ द्विरागमन धरिक गीत / मैथिली लोकगीत संग्रह
}}
{{KKCatMaithiliRachna}}
<poem>बापक राज आइ बिसरू सोहागिन, एलौं पति घर हे
माय कनैत हेती, देहरी बैसलि हेती, बाप सोचैत मनेमन हे
काकी कनैत हेती, भानस करैत हेती, कका सोचैत पूजाक बेर हे
भौजी कनैत हेती, पलंगा बैसलि हेती, भैया सोचैत कने मने हे
दूध पिआय एहन सिया बेटी पोसल, सेहो रघुवर लय एलथि हे
</poem>