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15:28, 2 जुलाई 2014 {{KKGlobal}}
{{KKLokRachna
|भाषा=मैथिली
|रचनाकार=अज्ञात
|संग्रह= बियाह सँ द्विरागमन धरिक गीत / मैथिली लोकगीत संग्रह
}}
{{KKCatMaithiliRachna}}
<poem>सुनू गे सखिया, अंगनामे एलै डोलिया कहार
कहाँ गेली, कीये भेली सासु हे बड़ैतिन, लाबथु रऽही ओ दाबि
सुनू गे सखिया, अँगनामे एलै डोलिया कहार
कहाँ गेली, कीये भेली दियादिनि बड़ैतिन, महफे खुआबथु गूड़
सुनू गे सखिया, अंगनामे एलै डोलिया कहार
कहाँ गेली, कीये भेली ननदो बड़ैतिन, अरिछि-परीछि घर जाथु
सुनू गे सखिया, अंगना मे एलै डोलिया कहार
कहाँ गेली, कीये भेली, ननदी बड़ैतिन, अरिछि-परीछि घर जाथु
सुनू गे सखिया, अंगना मे एलै डोलिया कहार
</poem>