गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
आदरें अधिक काज नहि बंध / विद्यापति
5 bytes removed
,
15:52, 4 जुलाई 2014
|रचनाकार=विद्यापति
}}
{{
KKCatKavita
KKCatPad
}}
<poem>
आदरें अधिक काज नहि बंध।
अनिल जनविजय
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,730
edits