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दिल की हर धड़कन है बत्तिस मील में / ‘अना’ क़ासमी
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11:41, 14 जुलाई 2014
यक-ब-यक लहरों में दम-सी आ गई,
लड़कियों ने पाँव डाले झील में ।
यार कह कर मेरी सिगरेट खींच ली
किसक़दर बिगड़े हैं बच्चे ढील मैं
उम्र अदाकारी में सारी कट गई,
वीरेन्द्र खरे अकेला
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