Changes

माँ / दीनदयाल शर्मा

1,018 bytes added, 16:21, 22 जुलाई 2014
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=दीनदयाल शर्मा }} {{KKCatBaalKavita}} <poem>माँ तू आ...' के साथ नया पन्ना बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=दीनदयाल शर्मा
}}
{{KKCatBaalKavita}}
<poem>माँ तू आंगन मैं किलकारी,
माँ ममता की तुम फुलवारी।
सब पर छिड़के जान,
माँ तू बहुत महान्।।

दुनिया का दर्शन करवाया,
कैसे बात करें बतलाया।
दिया गुरु का ज्ञान,
माँ तू बहुत महान्।।

मैं तेरी काया का टुकड़ा,
मुझको तेरा भाता मुखड़ा।
दिया है जीवनदान,
माँ तू बहुत महान्।।

कैसे तेरा कर्ज चुकाऊं,
मैं तो अपना फर्ज निभाऊं।
तुझ पर मैं कुर्बान,
माँ तू बहुत महान्।।</poem>
Delete, Mover, Reupload, Uploader
5,484
edits