587 bytes added,
06:06, 1 सितम्बर 2014 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=नीलोत्पल
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
मेरी अवस्था एक खोए नाविक की है
जो समुद्र के बीचों बीच याद करता है तुम्हें
अंत में
मैं भूल जाता हूं कि
नावें तुम्हारे और मेरे बीच
डूब जाती हैं
समुद्र हमारी कब्र का नाम है
</poem>
Delete, Mover, Reupload, Uploader