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14:19, 1 सितम्बर 2014 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=अजेय
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<poem>
+10'c
मेरे बगल में स्टेट लाइब्रेरी खामोश खडी है
साफ सुथरी, मेरी सफेद कॉलर जैसी
मेरी मनपसंद जगह !
वहां भीतर ठंडक होगी क्या?
तापमान बर्दाश्त से बाहर हो गया है.
</poem>