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ख़ुदा / गुलज़ार
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17:52, 7 अक्टूबर 2014
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रे
पूरे
का पूरा आकाश घुमा कर बाज़ी देखी मैंने
काले घर में सूरज रख के,
तुमने शायद सोचा था, मेरे सब मोहरे पिट जायेंगे,
Sharda suman
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