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रोजी रोटी की खातिर / शशि पुरवार
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07:54, 10 अक्टूबर 2014
हेलमेल की बहती धारा
बना
नहीं
न,
कोई सेतु पुराना
नये नये टीले पर पंछी
नित करते हैआना जाना
Shashi Purwar
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