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दोहा जय भारत जय भारती, जय हिंदीहिन्दी, जय हिंद।हिंदजय हमार भासाभाषा बिमल, जय गुरुगुरू, जय गोबिंद।। चौपाईगोविन्द।ई हमार हऽ आपन बोली। सुनि केहू जनि जन करे ठठोली।।ठिठोली।।जे जे भाव हृदय के का भावे। ऊहे उतरि कलम पर आवे।।आवे।कबो संसकृतसंस्कृत, कबहूँ हिंदी। हिन्दी भोजपुरी माथा के बिंदी।।भोजपुरी हमार हऽ भासा। जइसे हो जीवन के स्वांसा।।जब हम ए दुनिया में अइलीं। जब हमई हम ई मानुस तनु पइलीं।।तबसे तब से जमल रहल जे टोली। से बोले भेजपुरिआ भोजपुरिया बोली।।हमहू हमहूँ ओही में तोतरइली। तोतरइलीं। रोअली हँसलीं हसलीं बात बनइलीं।।खेले लगलीं घुघआमाना। लगली घघुआमाना। उपजल धाना, पवली पवलीं खाना।।चंदा मामा आरे अइले। अइलें। चंदा मामा पारे अइले।।गइलें।।ले ले अइले अइलें सोन कटोरी। दूध भात ओकरा में धोरी।।घोरी।।बबुआ के मुँह में घुटुक, गइल दुध ओ भात।ओकरा पहिले कान में, पड़ल मधुर मृदु बात।।पढुआ लिखुआ करिहें माफ। हम त बात कहीले साफ।।हमरा ना केहू से बैर। ना खींचब केहू के पैर।।हम तब सबके करब भलाई। जेतना हमरा से बन पाई।।हिन्दी ह भारत के भासा। ऊहे एक राष्ट्र के आसा।।हम ओकरो भंडार बढ़ाइब। ओह में बोलब आ गाइब।।तबो ना छोडब आपन बोली। चाहे केहू मारे गोली।।जे मगही तिरहुतिआ भाई। उनहु से हम कहब बुझाई।।ऊहो बोलसु आपन बोली। भरे निरंतर उनकर झोली।।
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