गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
पौढ़े पलना बाल-गोपाल / स्वामी सनातनदेव
14 bytes removed
,
16:07, 9 जनवरी 2015
बार-बार बलि जात ललन पै, वारत राइ-लौन तत्काल॥3॥
</poem>
{{KKMeaning}}
Sharda suman
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader,
प्रबंधक
35,132
edits