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सदस्य वार्ता:Sumitkumar kataria

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'''--[[सदस्य:Lalit Kumar|Lalit Kumar]] ०८:३०, १७ जनवरी २००८ (UTC)'''
 
 
 
प्रिय भाई सुमित
 
डूबता चाँद कब डूबेगा पूरी कर दी है। दिमागी गुहान्धकार का ओराँगउटाँग यथा-शीघ्र काव्यकोश में डालने का प्रयत्न करूँगा। आपने पूरी कविता मिटा दी जानकर दुख हुआ भविष्य में ऐसा न करें जिस रूप में आपने कोई कविता टंकित की है उसी रूप में उसे कविता कोश में डालकर उसमें सम्पादन के लिए अन्य साथियों का सहयोग लें तो मेहनत व्यर्थ नहीं जायेगी।
शुभकामनाओं सहित--[[सदस्य:Hemendrakumarrai|Hemendrakumarrai]] १७:०३, १७ जनवरी २००८ (UTC)
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