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मैं घमंडों घमण्डों में भरा ऐंठा हुआ।हुआ ।एक दिन जब था मुँडेरे मुण्डेरे पर खड़ा।खड़ा ।आ अचानक दूर से उड़ता हुआ।हुआ ।एक तिनका आँख में मेरी पड़ा।1।पड़ा ।1।
मैं झिझक उठा, हुआ बेचैन सा।-सा ।लाल होकर आँख भी दुखने लगी।लगी ।मूँठ देने लोग कपड़े की लगे।लगे ।ऐंठ बेचारी दबे पाँवों भगी।2।भगी ।2।
जब किसी ढब से निकल तिनका गया।गया ।तब 'समझ' ने यों मुझे ताने दिये।दिए ।ऐंठता तू किसलिए इतना रहा।रहा ।एक तिनका है बहुत तेरे लिए।3।लिए ।3।
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