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मैं हूँ / केदारनाथ अग्रवाल

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{{KKRachna
|रचनाकार=केदारनाथ अग्रवाल
|संग्रह=आग का आईना फूल नहीं रंग बोलते हैं / केदारनाथ अग्रवाल
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मैं हूँ
:आग और बर्फ़ की वसीयत
मौत जिसे पाएगी
  मैं हूँ  माँस-पिंड में बंधा अपनी जेल कोई दूसरी नहीं है मेरी जेल   (रचनाकाल :6.11.1967)जीवन से लिखी ।
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