गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
माँ / दीनदयाल शर्मा
1 byte added
,
09:49, 18 मार्च 2015
}}
{{KKCatBaalKavita}}
<poem>माँ तू
आंगन
आँगन
मैं किलकारी,
माँ ममता की तुम फुलवारी।
सब पर छिड़के जान,
अनिल जनविजय
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,693
edits