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बघेली लोकगीत
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बना
सोक्इं
सोवइं
अंटारी जगावा सखी
उनके मौरी मां लागी है अनार की कली कचनार की कली
अनार की कली
कचनार की कली
बेला फूल की कली
बना
सोवइ
सोवइं
अंटारी जगावा सखी
उनके कलंगी मां बनी है अनार पुतरी
अनार पुतरी
Dhirendra Asthana
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