966 bytes added,
08:48, 19 मार्च 2015 {{KKGlobal}}
{{KKLokRachna
|भाषा=बघेली
|रचनाकार=अज्ञात
|संग्रह=
}}
{{KKCatBagheliRachna}}
<poem>
फाग रचैं बनवारी हो ब्रज मां
फाग रचैं बनवारी
सब देखैं ब्रह्मा विष्णु मुरारी
नन्द बाबा के द्वारे-द्वारे
सब सखी हिंडोला गाड़े
झूला झूलै रंगौ डारइ
मोर भींजई कुसुम रंग सारी
ब्रज मा फाग रचै बनवारी
नन्द बाबा के लाला लाला-लाला लाला
कहैं मरोरे गाला
मोरी चोलिया रंगा बोरे
मोही देहैं ननंद घर गारी
ब्रज मा फाग रचे बनवारी
</poem>