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ऐसा वर दो / त्रिलोक सिंह ठकुरेला
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04:54, 20 मार्च 2015
हम फूलों जैसे मुस्कायें,
सब पर प्रेम सुगंध लुटायें,
हम परहित कर
खुषी
खुशी
मनायें,
ऐसे भाव हृदय में भर दो।
भगवन् हमको ऐसा वर दो॥
दीपक बनें, लड़े हम तम से,
ज्योर्तिमय
हो यह जग हम से,
कभी न हम घबरायें गम से,
तन मन सबल हमारे कर दो।
Lalit Kumar
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