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दरश की तौ बेरा भई हो / बघेली

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दरश की तो बेरा भई हो
अरे बेरा भई महराज हो
दरस की तौ
दरस की तौ बेरा भई हो
और पट खोलो भैरोंनाथ हो
दरस की तो बेरा भई
</poem>