555 bytes added,
13:39, 20 मार्च 2015 {{KKGlobal}}
{{KKLokRachna
|भाषा=बघेली
|रचनाकार=अज्ञात
|संग्रह=
}}
{{KKCatBagheliRachna}}
<poem>
लपकि कै मारौ गुलेल तोरे पागा मा
उलटि कै मारों गुलेल तोरी बेंदी मा
कठला लागै धिरिर तोरी तैती मा
भंवरा मांगे बसेर तोरी चोली मां
उलटि कै तोरा लालन केसरइया
</poem>