गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
आप से तुम, तुम से तू , कहने लगे / सतीश शुक्ला 'रक़ीब'
No change in size
,
10:37, 24 मार्च 2015
हाथ उठाकर क़िबला-रू कहने लगे
इश्क़ में
ये दिल की महवीयत
ऐसी थी कैफ़ीयत
'रक़ीब'
ख़ामशी
ख़ामुशी
को गुफ़्तगू कहने लगे
</poem>
SATISH SHUKLA
481
edits