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माँ की याद / वीरेन डंगवाल
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,
14:22, 12 जनवरी 2008
:::सामाजिक-सांस्कृतिक परम्परा है हमारी
जिसमें
माँऎँ
माँएँ
सबसे ऊपर खड़ी की जाती रही हैं
बर्फ़ीली चोटी पर,
अनिल जनविजय
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