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संसार किसका है / श्रीनाथ सिंह
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10:49, 5 अप्रैल 2015
क्यों न आ पड़े विपत हजार।
वह इस दुनियां का राजा है,
उसका ही है यह
संसार
संसार।
</poem>
Dhirendra Asthana
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