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वीर प्रतिज्ञा / श्रीनाथ सिंह
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11:01, 5 अप्रैल 2015
सौ आफतें हों सामने,
उजड़ा भले ही गेह हो।
हो देश की जय ,भय नहीं,
हमको जरा है क्लेश का।
बाजी लगा कर प्राण की,
हम साथ देंगे देश का।
</poem>
Dhirendra Asthana
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