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सौन्दर्य लहरी / पृष्ठ - १ / आदि शंकराचार्य
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04:36, 10 अप्रैल 2015
धनुर्वाणांपाशंश्रृणिमपि दधाना करतलैः
पुरस्तादास्तांनः पुरमथितु राहो पुरुषिका ॥७॥
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Lalit Kumar
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