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16:32, 23 अप्रैल 2015 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=आदि शंकराचार्य
|अनुवादक=
|संग्रह=सौन्दर्य लहरी / आदि शंकराचार्य
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<poem>
तवाधारे मूले सह समयया लास्यपरया ।
नवात्मानं मन्ये नवरस महाताण्डव नटम् ॥
उभाभ्यामेताभ्यामुदय विधिमुद्दिश्य दयया ।
सनाथाभ्यां जज्ञेजनक जननीमज्जगदिदम् ॥४१॥
</poem>