535 bytes added,
10:29, 4 मई 2015 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=निशान्त
|संग्रह=धंवर पछै सूरज / निशान्त
}}
{{KKCatKavita}}
{{KKCatRajasthaniRachna}}
<poem>
लारै बंधेल
डगरै ज्यूं
क्यूं चालै ?
तूं चाल
बीं ऊँट ज्यूं
जको चालै
बिना टिचकारी
मारग देख लेणै रै पछै
भाऊं
कित्ती ही आवै
अबखाई।
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader