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10:42, 9 मई 2015 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=निशान्त
|अनुवादक=
|संग्रह=आसोज मांय मेह / निशान्त
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<poem>
दाणां कढतां ई
आया है
नूंई-नकोर जीप मांय चढ’र
पळकतै
भगवां गाभाळां
पांच-सात मोड
जाणै कोई राज रा अैलकार
आया हुवै
‘लगान-वसूली’ सारू ।
</poem>
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