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घड़ी की सुईयां/ घनश्याम चन्द्र गुप्त
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घड़ी की सुईयां
घड़ी की सुईयां निर्विकार चलती हैं
न तुमसे कुछ प्रयोजन, न मुझसे
Sharda suman
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