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23:46, 27 सितम्बर 2015 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=सर्वेश्वरदयाल सक्सेना
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<poem>सूँड उठाकर हाथी बैठा
पक्का गाना गाने,
मच्छर एक घुस गया कान में,
लगा कान खुजलाने।
फट-फट फट-फट तबले जैसा
हाथी कान बजाता,
बड़े मौज से भीतर बैठा
मच्छर गाना गाता!
</poem>