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19:08, 29 सितम्बर 2015 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=अश्वघोष
|अनुवादक=
|संग्रह=
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{{KKCatBaalKavita}}
<poem>यह कैसी लाचारी है,
बस्ता मुझसे भारी है!
कंधा रोज भड़कता है,
जाने क्या-क्या बकता है,
लाइलाज बीमारी है,
बस्ता मुझसे भारी है!
जब भी मैं पढ़ने जाता,
जगह-जगह ठोकर खाता,
बस्ता क्या अलमारी है,
बस्ता मुझसे भारी है!
कान फटे सुनते सहते,
मुझे देखकर सब कहते,
बालक नहीं, मदारी है,
बस्ता मुझसे भारी है!
</poem>