Changes

'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रामनरेश पाठक |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KK...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=रामनरेश पाठक
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>महुए के पीछे से झाँका है चाँद
पिया आ

आँगन में बिखराए जूही के फूल
पलकों तक तीर आये सपनों के कूल
नयन मूँद लो, बड़ा बांका है चाँद
पिया आ

बाँट गयी सान्झिल हवाएं पराग
बांकी स्वर लौट गए, शेष वही राग
टेसू के फूल-सा टहका है चाँद
पिया आ

प्रीत से नहाया है तन का हिरन
चुपके से चुनता है क्वाँरी किरण
जीतो तो इससे लड़ाका है चाँद
पिया आ ।

</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
2,956
edits