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18:51, 2 अक्टूबर 2015 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=निरंकार देव सेवक
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|संग्रह=
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{{KKCatBaalKavita}}
<poem>मुन्ना पूछ रहा था माँ से-
‘‘मुझको करतीं कितना प्यार?’’
माँ बोली, ‘‘कोई भी माता
कर सकती हो जितना प्यार!’’
मुन्ना रूठ गया यह सुनकर
‘‘बस, इतना थोड़ा-सा प्यार!’’
वह बोली, ‘‘बेटे, तुझ पर तो
मेरा सब कुछ है बलिहार!
लेकिन तू भी बता कि मुझको
करता है तू कितना प्यार?’’
दोनों हाथों को फैलाकर
मुन्ना बोला, ‘‘इतना प्यार!’’
</poem>