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18:53, 2 अक्टूबर 2015 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=निरंकार देव सेवक
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<poem>अक्कड़ ताला, बक्कड़ ताला
ताले ऊपर ताला,
घी में तेल मिलाने वाला
पकड़ गया है लाला!
लोगों ने काला मुँह करके
खूब जुलूस निकाला,
मगर पुलिस ले गई जेल तो
वहाँ बंद था ताला!
</poem>