Changes

सैर-सपाटा / कृष्णकांत तैलंग

1,034 bytes added, 15:02, 4 अक्टूबर 2015
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=कृष्णकांत तैलंग |अनुवादक= |संग्रह...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=कृष्णकांत तैलंग
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatBaalKavita}}
<poem>मैं रॉकेट एक बनाऊँगा,
उड़ अंतरिक्ष में जाऊँगा!
चाँद-सितारों को छू लूँगा
दूर ग्रहों की सैर करूँगा!
लोग वहाँ के होंगे कैसे,
क्या होंगे हम लोगों जैसे!
अपना रॉकेट उनको दूँगा,
उड़न तश्तरी उनसे लूँगा!
रोज सुनाती हमें कहानी,
परी लोक है, कहती नानी!
वहाँ मिलेंगी परियाँ प्यारी,
रंग-बिरंगी दुनिया न्यारी!
खूब करूँगा सैर सपाटा,
आऊँगा कर उनको टा-टा!
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
2,956
edits