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अजनबी / पृथ्वी पाल रैणा

21 bytes removed, 15:00, 5 अक्टूबर 2015
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मैं ही वह मैं नहीं अजनबी हूँ,
या यह शहर पराया है ?
मेरी आँखों में उमड़ते हुए