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आरजू / रसूल हम्ज़ातव

49 bytes added, 18:10, 5 अक्टूबर 2015
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मुझे मोजज़ों<ref>करामातों, चमत्कारों</ref> पे यक़ीं नहीं मगर आरज़ू है कि जब कज़ा<ref>मृत्यु, मौत</ref>
मुझे बज़्मे-दहर<ref>दुनिया की महफ़िल</ref> से ले चले
तो फिर एक बार ये अज़न<ref>इजाज़त</ref> दे
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