512 bytes added,
20:21, 5 अक्टूबर 2015 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=राजेंद्र 'मिलन'
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatBaalKavita}}
<poem>धीमे-धीमे चलती, दो बैलों की गाड़ी,
आगे बढ़ती जाती खट-खट करती गाड़ी।
आगे बैठे चाचा, हाँक रहे हैं गाड़ी,
पीछे बैठा ननकू, देखे जंगल-झाड़ी।
</poem>