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00:14, 6 अक्टूबर 2015 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=चंद्रमोहन 'दिनेश'
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<poem>चल मेरे घोड़े तिक-तिक-तिक,
बातें थोड़ी काम अधिक।
जाना है बंबई मुझे,
झटपट मुझको पहुँचा दे।
अगर हो गई देर मुझे,
नहीं मिलेगी चाय तुझे।
</poem>